मंगलवार, 25 अगस्त 2009

दुनिया भर के सिंहों पर विलुप्त होने का खतरा

दुनिया में शेर मात्र अफ्रीका और भारत में ही पाये जाते हैं, और इन पर विलुप्त होने का खतरा मंडराने लगा है.अफ्रीका के केन्या के मसाईमारा जंगल में करीब 2000 शेर बचे हैं और केन्या वाइल्डलाइफ़ सर्विस की मानें तो अगले 20 साल के अंदर ये सभी शेर विलुप्त हो सकते हैं. इसकी वजह है शिकार की कमी, लोगों द्वारा जहर देना, जंगलों में मानव की घुसपैठ, वातावरण में बदलाव और बीमारियां 2002 में केन्या में शेरों की संख्या 2749 थी जो अब घट कर 2000 के आसपास रह गयी है, जो कि चिंता का विषय है केन्या के लिए सिहं सम्मान का विषय रहे हैं. वे वहा के जनजीवन का हिस्सा हैं और पर्यटन का मुख्य आकर्षण भी जिससे केन्या को अच्छा राजस्व प्राप्त होता है.इसलिए शेरों की संख्या में कमी केन्या के लिए काफ़ी चिंताजनक है.दूसरी तरफ़ ऐशयाई सिंह मात्र भारत में गुजरात के गीरनार अभ्यारण में पाये जाते हैं.यहां इनकी संख्या करीब 250 के आसपास की है इनमें से कुछ सिहों को मध्यप्रदेश के कुना जंगल में स्थलांतरित करने की मांग अरसे से उठ रही है इसकी वजह यह बताई जाती है कि सिह एक ही स्थान पर रहें तो महामारी तथा अन्य कारणों की वजह से उनके खत्म होने की आशंका बनी रहती है इसलिए सिंहो को मध्यप्रदेश के कुना जंगल में भी स्थलांतरित करना चाहिए जो कि गीर जंगल से अधिक घना भी है. लेकिन सिंह चूंकि गुजरात के जनमानस से भावनात्मक रूप से जुड़े हए हैं, इसलिए गुजरात सरकार सिंहों के कुछ जोड़ों को मध्यप्रदेश स्थलांतरित करने के पक्ष में नहीं है.

कोई टिप्पणी नहीं: